Sunday 22 March 2015

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BBC News 

नई दिल्ली (22 मार्च): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फिर रेडियो पर देश को संबोधित किया। इस रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने किसानों की दयनीय हालत पर चर्चा करते हुए कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार पूरी संवेदना के साथ आपकी इस संकट की घड़ी में आपको पूरी तत्परता से मदद करेगी।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे किसान भाइयो और बहनो, आप सबको नमस्कार। ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे आपसे बात करने का अवसर मिला है। जब मैं किसान से बात करता हूं तो एक प्रकार से मैं गांव से बात करता हूं, गांववालों से बात करता हूं, खेत मजदूर से भी बात कर रहा हूं। राज्य सरकारों को मैंने कहा है कि केंद्र-राज्य मिल कर इन मुसीबत में फंसे हुए सभी किसानों को जितनी ज्यादा मदद कर सकते हैं करें।’
मोदी ने किसानों की दयनीय हालत के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि हमने पिछली सरकार की गलतियों को ठीक किया और कहा कि उसका मुआवजा भी किसान को चार गुना तक मिलना चाहिए। कोई मुझे कहे, क्या ये सुधार किसान विरोधी है क्या? उन्होंने कहा कि हमारा इरादा है कि किसानों का भला हो, गांव का भी भला हो और इसीलिए कानून में अगर कोई कमियां हैं, तो दूर करनी चाहिए।
जमीन अधिग्रहण कानून पर हो रहे बवाल पर मोदी ने कहा, ‘आप जानते हैं भूमि अधिग्रहण का कानून 120 साल पहले आया था। देश आज़ाद होने के बाद भी 60-65 साल वही कानून चला। जो लोग आज किसानों के हमदर्द बन कर के आंदोलन चला रहे हैं। उन्होंने भी इसी कानून के तहत देश को चलाया, राज किया। 2013 में आनन-फानन के साथ एक नया कानून लाया गया, हमने भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया था। किसान का भला हो तो साथ कौन नहीं देगा। पिछली सरकार के कानून में 13 चीजों को बाहर रखा गया। इसका मतलब किसानों को वही मुआवजा मिलेगा जो पिछले कानून से मिलता था। ये गलती थी कि नहीं? हमने पिछली सरकार की गलतियों को ठीक किया और कहा कि उसका मुआवजा भी किसान को चार गुना तक मिलना चाहिए। कोई मुझे कहे, क्या ये सुधार किसान विरोधी है क्या?’
उन्होंने कहा, मैं डंके की चोट पर कहना चाहता हूं, निजी व्यवसाय करने वाले को, 2013 जमीन अधिग्रहण कानून के जितने नियम हैं, वो सारे लागू होंगे।
यहां बता दें कि पीएम मोदी रेडियो पर छठी बार ‘मन की बात’ की है। इससे पहले वह स्वच्छता, शि‍क्षा, विकलांग बच्चों की समस्या और नशा मुक्ति‍ जैसे विषयों पर राष्ट्र के साथ अपने विचार साझा कर चुके हैं।
मोदी के इस संबोधन से ठीक पहले भूमि अधि‍ग्रहण बिल से लेकर मौसम की मार और इस कारण फसल की बर्बादी के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को दोनों सदनों में जमकर कोसा।

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